टखने से ऊपर की सलवार और पायजामा को कट्टर मौलवियों ने इस क़दर सुन्नत से जोड़ दिया था कि कोई इसकी अवहेलना करने की सोच भी नहीं सकता था।
लेकिन बीते दिनों पाकिस्तान की महिलाओं ने “फ़र्शी सलवार” का ऐसा अभियान चलाया कि इस बार रमज़ान के मौके पर ईद के लिए अधिकांश महिलाएँ “फ़र्शी सलवार” ही सिलवा रही हैं।
“फ़र्शी सलवार” यानी, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, ऐसी सलवार या पायजामा जो टखनों के नीचे तक हो, यानी फर्श को भी छूता हो।
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