मजहब के नाम की घुटी सिर्फ आम समाज के लोगों की ही पिलाई जाती है। सो-कॉलेड मजहब के रक्षक मज़हब के प्रिंसिपल्स को अपने पर लागू नहीं करते। और मुस्लिम औरतों को तो पैर की जूती बना कर रखना चाहते है। पाकिस्तान के बुद्धिजीवी ने सऊदी अरब में हुए औरतों के फैशन शो के बारे में बोलते हुए कहा है कि आप हमारे यहाँ (पाकिस्तान) में तो आप मजहब के नाम की दुहाई देते नहीं थकते और अपने वहाँ औरतों को आधे कपड़े पहिना कर फैशन शो करवा रहे हो।
इसमें कोई शक नहीं है कि मुस्लिम पुरष, मुस्लिम महिला को सिर्फ घर की चारदुआरी में रखने में विश्वास रखते है। लेकिन 21वीं सदी में अगर विश्व के बाकी देशों के साथ चलना है तो मुस्लिम औरतों को इस वहशी सोच के खिलाफ आवाज उठानी होगी, तभी वो मुस्लिम पुरषों की इस सोच को खत्म कर सकेगी। इस में ही पाकिस्तान जैसे मुस्लिम देशों की भलाई है।
नीचे वीडियो में देखों एक मुस्लिम बुद्धिजीवी की वहाबियों को नसीहत:
