पाकिस्तान में कट्टरवाद का सबसे बड़ा चेहरा और दिमाग दिखने वाली पाकिस्तानी फौज और ISI के ऑफिसर्स के परिवार पूरी तरह से पाश्चात्य (पश्चिमी) संस्कृति के प्रभाव में रहते हैं। इनके पारिवारिक कार्यक्रमों में विलासिता और पाश्चात्य (पश्चिमी) संस्कृति के प्रभाव को देख कर आप दंग रह जाएँगे। इनके परिवारों के बच्चे किस तरह ग्लैमर की दुनिया में अपना कैरियर बना रहें हैं ये देख कर इनका असली चेहरा आपके सामने आ जायेगा।
कट्टरवादी और रूढ़िवादी सोच वाले मुल्क में विलासिता और पाश्चात्य (पश्चिमी) संस्कृति के प्रभाव को देख कर आप के मन में भी ये प्रश्न जरूर आएंगे:
- इतनी कट्टर सोच होने के बावजूद भी इनके घरों में पश्चिमी संस्कृति का इतना प्रभाव आखिर कैसे बढ़ गया?
- क्या इनकी ये जीवन शैली (Life Style) पाकिस्तान की अवाम को नहीं दिख पा रही है ? पाकिस्तान की अवाम अपने इन कट्टर फ़ौजियों और ऑफ़िसर्स के ये जीवन देख कर आख़िर क्या सोचती होगी ?
- कट्टर मुस्लिम पुरुषों के परिवारों में पाश्चात्य (पश्चिमी) संस्कृति का प्रभाव आखिर कैसे आया?
- क्या इस पश्चिमी संस्कृति को लाने में मुस्लिम महिलाओं का योगदान है ? आख़िर मुस्लिम महिला पश्चिमी संस्कृति को अपने परिवार और समाज में कैसे और क्यों लाई? मुस्लिम महिलाओं के इस प्रयास के आगे मुस्लिम पुरुष समाज कैसे झुका?
- विलासिता के इस जीवन के लिए किस हद तक भ्रष्टाचार में डूब गई पाकिस्तानी फ़ौज और ISI?
- इतनी कट्टर सोच और वातावरण में आखिर कैसे Feminism खड़ा हो गया पाकिस्तान में?
- तलाक़ और बहुविवाह की ताक़त के बावजूद मुस्लिम पुरुष कैसे कट्टर सोच से समझौता कर पा रहा है?
- आख़िर मुस्लिम महिला क्यों कट्टर सोच के ख़िलाफ़ इस खुलेपन को ला रही है अपने समाज में?
- आख़िर Fashion और Feminism के ख़िलाफ़ क्यों नहीं बोल पा रहा है मुस्लिम पुरुष ? अपने अंदर की इस कुंठा (Frustration) को कैसे छुपा रहा है मुस्लिम पुरुष?
- कट्टर मुल्ला-मौलवी भी आख़िर क्यों हैं परेशान ? क्या मुल्ला-मौलवी और ISI के पास इसका कोई विकल्प है? आख़िर कैसे मुस्लिम महिला मुल्ला-मौलवियों और ISI की कट्टर सोच पर भारी पड़ गई हैं ?
- क्या मुस्लिम महिला की ये सुनियोजित बगावत है? क्या उसे अब समझ आ गया है कि मुस्लिम पुरुष को सेक्युलर और पाश्चात्य सोच के नज़दीक लाने में ही उसका हित है? क्या अब तक की अपनी इस कामयाबी को आगे भी क़ायम रख पायेगी मुस्लिम महिला?
- मुस्लिम पुरुष आख़िर इतना लाचार कैसे हो गया है मुस्लिम महिला के आगे ? क्या अपनी इज्जत के झूठे दिखावे के कारण ख़ामोश है मुस्लिम पुरुष? क्या उसे अपनी झूठी इज्जत की धज्जियाँ उड़ने का है डर? इतनी लाचारी, बेचारगी और कुंठाओं के साथ कैसे अपने 'दीन' की राह पर चल पायेगा मुस्लिम पुरुष?आख़िर कैसे क़यामत के दिन पर भारी पड़ गई है उसकी ये बेचारगी? इस हद तक कि कुंठा के साथ कहीं दुनिया के लिये 'फ़िदायीन' तो नहीं बन जायेगा मुस्लिम पुरुष ?
- अपने ही घर और समाज से बेइज्जत हुआ मुस्लिम पुरुष आख़िर क्या करेगा? जिस औरत को दबाने के लिये सब नियम क़ानून उसने अपने अनुसार बना लिए थे, आज उसी के हाथों अपनी हार को किस हद तक बर्दाश्त कर पाएगा मुस्लिम पुरुष?
- आख़िर मुस्लिम पुरुष Vs मुस्लिम महिला की इस जंग में किसकी जीत होगी?
किस प्रकार से वैश्विक जगत को मुस्लिम महिला की सहायता करनी चाहिये ? मुस्लिम महिला को अपने हक़ में करने के लिए वैश्विक जगत को किन बातों का ध्यान रखना होगा ?
संसार में उसी विचार को लोग अपनायेंगे जिसमें सभी प्राणियों और प्रकृति के प्रति आदर का भाव हो, उसके संरक्षण और सहयोग का भाव हो, जिसमें नारी का सम्मान और सुरक्षा का भाव हो। यही सब ईश्वर है, इन्ही में उस परमात्मा का अंश है जो इसकी कद्र नहीं करेगा और किसी दिव्य शक्ति या निराकार के नाम पर इन सबसे भेदभाव की 'छूट' लेगा ऐसे सभी विचार दुनिया के लिये एक 'ख़तरा' है।